पहली बार देश में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अहमदाबाद में इसके तीन मामलों की पुष्टि की है, जिसमें एक गर्भवती महिला ने जनवरी में इससे जुड़ी जांच कराई थी।जीका वायरस के देश में पहली बार तीन मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अहमदाबाद में तीनों मामलों की पुष्टि की है, जिसमें एक गर्भवती महिला ने जनवरी में इससे जुड़ी जांच कराई थी। सभी मामले शहर के बापूनगर इलाके के बताए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की साइट के मुताबिक देश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुजरात में अहमदाबाद के बापूनगर इलाके में जीका वायरस के तीन मामले पाए हैं। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर टेस्ट के माध्यम से जीका वायरस के मामलों की पुष्टि की गई है। इससे पहले जनवरी में पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी की लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद नगर निगम में एंटोमोलाजिस्ट डा. विजय कोहली से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने भी कुछ घंटों पहले ही रिपोर्ट पढ़ी है और फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। मैं इतना ही कह सकता हूं कि हमें निगरानी को सुनिश्चित करना होगा और मच्छरों को जड़ से मिटाने के लिए काम करना होगा।
गांधीनगर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (आईआआईपीएफ) में एडिश्नल प्रोफेसर डा. दीपक बी सक्सेना ने बताया कि हमें अब और भी सर्तक रहना होगा। जीका और डेंगू इसी वायरस से फैलता है। जीका ऐसे में आसानी से फैल सकता है। हमारे आसपास खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में हमें इसकी निगरानी के लिए कोई व्यवस्था चाहिए।
संगठन की साइट यह भी बताती है कि जीका वायरस ने निपटने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी गठित की गई है। इसमें उनके साथ बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव और स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव भी होंगे। यह जीका के बढ़ते मामलों पर निगाह रखेंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी और स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस बारे में तलब करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब न मिल सका।
Via JanSatta
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद नगर निगम में एंटोमोलाजिस्ट डा. विजय कोहली से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने भी कुछ घंटों पहले ही रिपोर्ट पढ़ी है और फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। मैं इतना ही कह सकता हूं कि हमें निगरानी को सुनिश्चित करना होगा और मच्छरों को जड़ से मिटाने के लिए काम करना होगा।
गांधीनगर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (आईआआईपीएफ) में एडिश्नल प्रोफेसर डा. दीपक बी सक्सेना ने बताया कि हमें अब और भी सर्तक रहना होगा। जीका और डेंगू इसी वायरस से फैलता है। जीका ऐसे में आसानी से फैल सकता है। हमारे आसपास खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में हमें इसकी निगरानी के लिए कोई व्यवस्था चाहिए।
संगठन की साइट यह भी बताती है कि जीका वायरस ने निपटने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी गठित की गई है। इसमें उनके साथ बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव और स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव भी होंगे। यह जीका के बढ़ते मामलों पर निगाह रखेंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी और स्वास्थ्य अधिकारी से जब इस बारे में तलब करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब न मिल सका।
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