बीजेपी के लोगों ने ही ठेंगा दिखाया और सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रह गयी। योगी-योगी बोल रहा है सारा यूपी डोल रहा है नारों के साथ योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की कमान संभाली थी। सीएम योगी को फायरब्रांड नेता माना जाता है और सीएम योगी को सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है उसके बाद भी बतौर मुख्यमंत्री पहली बार पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आये सीएम योगी के कार्यक्रम की कुर्सी खाली रह गयी।
बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जिला व महानगर संगठन को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। अनुशासनात्मक कार्रवाई के डर से कार्यकर्ता सीधे विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपनी भड़ास निकलाने का मौका भी नहीं छोड़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार बनी है तब से हमारा हौसला बढ़ गया था। बीजेपी के सभी कार्यक्रमों में हम लोगों ने भीड़ जुटायी थी। यूपी में जब हमारी सरकार बनी तो लगा कि अपनी मेहनत रंग लायी है। सरकार बनने के बाद बीजेपी के पदाधिकारियों ने हम लोगों का फोन उठाना ही बंद कर दिया। हमें क्या दिक्कत है परेशानी है यह सुनने वाला कोई नहीं है। कार्यकर्ता ने कहा कि अभी भी पदाधिकारियों ने अपना व्यवहार नहीं बदला तो आने वाले समय में बीजेपी को अपने कार्यक्रम में भीड़ जुटाना संभव नहीं होगा।
पिछले साल गंगा में पहले जहाज को हरी झंडी दिखाने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी यहां पर आये थे। रामनगर से हरी झंडी दिखाने के बाद गडकरी ने छोटी कटिंग में कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित किया था उस समय भी कार्यक्रम में काफी कुर्सी खाली रह गयी थी। बीजेपी नेताओं की काफी किरकिरी हुई थी उसके बाद भी नेताओं ने सीएम योगी के कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया।
नगर निगम चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जिस तरह स्थानीय कार्यकर्ताओं में रोष बढ़ रहा है वह बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। काशी में बिजली कटौती, अपराध आदि को लेकर आरएसएस के स्वयंसेवक तक नाराज है। सीएम योगी सरकार के तीन माह पूरा करने से पहले ही लोगों में इसी तरह निराशा होती रही तो बीजेपी के लिए 2019 का चुनाव भी कठिन हो जायेगा।
Via Patrika
बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जिला व महानगर संगठन को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। अनुशासनात्मक कार्रवाई के डर से कार्यकर्ता सीधे विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपनी भड़ास निकलाने का मौका भी नहीं छोड़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार बनी है तब से हमारा हौसला बढ़ गया था। बीजेपी के सभी कार्यक्रमों में हम लोगों ने भीड़ जुटायी थी। यूपी में जब हमारी सरकार बनी तो लगा कि अपनी मेहनत रंग लायी है। सरकार बनने के बाद बीजेपी के पदाधिकारियों ने हम लोगों का फोन उठाना ही बंद कर दिया। हमें क्या दिक्कत है परेशानी है यह सुनने वाला कोई नहीं है। कार्यकर्ता ने कहा कि अभी भी पदाधिकारियों ने अपना व्यवहार नहीं बदला तो आने वाले समय में बीजेपी को अपने कार्यक्रम में भीड़ जुटाना संभव नहीं होगा।
पिछले साल गंगा में पहले जहाज को हरी झंडी दिखाने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी यहां पर आये थे। रामनगर से हरी झंडी दिखाने के बाद गडकरी ने छोटी कटिंग में कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित किया था उस समय भी कार्यक्रम में काफी कुर्सी खाली रह गयी थी। बीजेपी नेताओं की काफी किरकिरी हुई थी उसके बाद भी नेताओं ने सीएम योगी के कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया।
नगर निगम चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जिस तरह स्थानीय कार्यकर्ताओं में रोष बढ़ रहा है वह बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। काशी में बिजली कटौती, अपराध आदि को लेकर आरएसएस के स्वयंसेवक तक नाराज है। सीएम योगी सरकार के तीन माह पूरा करने से पहले ही लोगों में इसी तरह निराशा होती रही तो बीजेपी के लिए 2019 का चुनाव भी कठिन हो जायेगा।
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