आज विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हजारों कार्यकर्ता शस्त्र पूजन के लिए नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में इकट्ठे हुए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे पर संबोधन में केंद्र सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा की सरकार अच्छा काम कर रही है। देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है लेकिन दुनिया की कुछ शक्तियां भारत के प्रभाव को नहीं चाहती। जिनकी दुकानें भेदों पर चलती हैं ऐसी ताकतें भारत को आगे बढ़ना नहीं देना चाहती। सर्जिकल स्ट्राइक शौर्यपूर्ण काम था। शासन के नेतृत्व में हमारी सेना ने साहस दिखाया है। देश के यशस्वी नेतृत्व ने पाकिस्तान को दुनिया मे अलग-थलग कर दिया।
मोहन भागवत ने कश्मीर मुद्दे पर भी बोला और कहा कि मीरपुर, गिलगित-बाल्टीस्तान और पीओके सहित पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा है। कश्मीर के उपद्रवियों से निपटना होगा। कश्मीर की उपद्रवी शक्तियों को उकसाने का काम सीमा पार से हो रहा है। साथ ही कहा कि कश्मीरी पंडितों को न्याय मिलना चाहिए। मुंबई भगदड़ की मुंबई भगदड़ की घटना पर आरएसएस प्रमुख ने दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘हमारी सुरक्षा के लिए सीमा पर जवान जान की बाजी लगाकर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। उनको कैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उनको साधन संपन्न बनाने के लिए हमें अपनी गति बढ़ानी पड़ेगी। शासन के अच्छे संकल्प तो हैं लेकिन इसको लागू कराना और पारदर्शिता का ध्यान रखना जरूरी है। रोहिंगयाओ पर निशाना साधते हुए मोहन भागवत ने कहा कि इन लोगों को अगर आश्रय दिया गया तो वे सुरक्षा के लिए चुनौती बनेंगे। इस देश से उनका नाता क्या है? मानवता तो ठीक है लेकिन इसके अधीन होकर कोई खुद को समाप्त तो नहीं कर सकता।’ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या क्यों आ गए? उनकी अलगाववादी, हिंसक गतिविधियां जिम्मेदार हैं। इन लोगों को अगर आश्रय दिया गया तो वे सुरक्षा के लिए चुनौती बनेंगे। इस देश से उनका नाता क्या है? मानवता तो ठीक है लेकिन इसके अधीन होकर कोई खुद को समाप्त तो नहीं कर सकता। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी और महाराष्ट्र केे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए। विजय दशमी के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा की, जिसकी परंपरा काफी समय से चली आ रही है।
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