सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने आज कहा कि बिटकॉइन की उपेक्षा नहीं की जा सकती है पर आभासी मुद्रा से अबतक कोई प्रणालीगत जोखिम सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि एक सरकारी समिति इस पर गौर कर रही है।
फिलहाल बिटकॉइन और इस प्रकार की कोई अन्य आभासी मुद्रा को रिजर्व बैंक या किसी अन्य नियामक से मंजूरी नहीं मिली है।
उद्योग मंडल सीआईटाई वित्तीय बाजार सम्मेलन के दौरान त्यागी ने कहा, ‘‘बिटक्वाइन के मामले में सरकार रिजर्व बैंक तथा सेबी के साथ विचार-विमर्श कर इस पर गौर कर रही है। समिति इस बात पर गौर कर रही है कि इस मामले में क्या करना है। इसमें वित्त तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।’’
क्या है बिटकॉइन
यह एक डिजिटल और वर्चुअल करेंसी है। मौजूदा समय में बिटकॉइन सबसे ज्यादा पॉपुलर करेंसी बन गई है। फिलहाल एक बिटकॉइन 20,000 डॉलर के पार पहुंच गया है। हालांकि जिस तेजी से बिटकॉइन बढ़ रहा है, उससे इससे टैक्स चोरी की आशंका भी बढ़ गई है।
बिटकॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 में हुई थी। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
कैसे काम करती है डिजिटल करंसी
बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका मतलब कि बिटकॉइन की मदद से ट्रांजैक्शन दो कंप्यूटर के बीच किया जा सकता है। इस ट्रांजैक्शन के लिए किसी गार्जियन अथवा केंद्रीय बैंक की जरूरत नहीं पड़ती।
बिटकॉइन ओपन सोर्स करेंसी है, जहां कोई भी इसकी डिजाइन से लेकर कंट्रोल को अपने हाथ में रख सकता है। इस माध्यम से ट्रांजैक्शन कोई भी कर सकता है क्योंकि इसके लिए किसी तरह की रजिस्ट्रेशन अथवा आईडी की जरूरत नहीं पड़ती।
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